Not known Factual Statements About Shiv chaisa

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नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

।।शिव चालीसा।। आनंद की अनुभूति दिलाने वाले भगवान भोलेनाथ का शिव चालीसा पढ़ने का अलग ही महत्व है। शिव चालीसा के माध्यम से अपने सारे दुखों को भूला कर शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

ॠनिया जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

O Lord! I beseech Your aid and seel your divine blessing at this very minute. Help save and secure me. Destroy my enemies with Your Trishul. Release me within the torture of evil ideas.

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

स्वामी एक है आस Shiv chaisa तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं

अंत काल को भवसागर में उसका बेडा पार हुआ॥

अर्थ- माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥

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